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The Definitive Guide to lyrics shiv chalisa

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त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥ सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥ तदा एव काश्चन परीक्षाः समाप्ताः भवन्ति। त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥ धन निर्धन को देत सदाहीं। जो https://shiv-chalisa-lyrics-aarti33830.diowebhost.com/84882693/the-basic-principles-of-shiv-chalisa-lyrics-in-punjabi

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